श्री महामृत्युंजय मंत्र के जाप से बदला जा सकता है विधि का विधान: सुश्री कृष्णा दीदी

आज कथा विराम पर होगा गौ भंडारा कथा के छठे दिवस विरागना ने की गौ परिक्रमा खरगोन हिन्दू धर्म में भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र को मृत्यु से बचाव का अचूक उपाय माना गया है। इसी कारण से इस मंत्र का धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्व है। वहीं, ज्योतिष और आयुर्वेद में भी इस मंत्र को कई बीमारियों के लिए बेजोड़ माना गया है। महामृत्युंज मंत्र का प्रभाव यह हुआ कि जब मार्कण्डेय यमराज तय समय पर प्राण हरने आए तो शिव भक्ति में लीन मार्कण्डेय ऋषि को बचाने के लिए स्वयं भगवान शिव प्रकट हो गए और उन्होंने यमराज के वार को बेअसर कर दिया। बालक मार्कण्डेय की भक्ति देखकर भगवान शिव ने विधि का विधान बदलते हुवे उन्हें अमर होने का वरदान दिया। उक्त उदगार सुश्री कृष्णा दीदी ने श्री महामृत्युंजय शिव महापुराण के छठे दिवस गांधी नगर में व्यास गादी से व्यक्त किए। महामृत्युंजय मंत्र की महिमा महामृत्युंजय मंत्र के 33 अक्षर हैं जो महर्षि वशिष्ठ के अनुसार 33 कोटि(प्रकार) देवताओं के द्योतक हैं उन तैंतीस देवताओं में 8 वसु 11 रुद्र और 12 आदित्यठ 1 प्रजापति तथा 1 षटकार हैं। इन तैंतीस कोटि देवताओं की सम्पूर्ण शक्तियाँ महामृत...