खरगोन अनाज मंडी में नए गेहूं चने की बड़ी आवाक, किसानों को मिले अच्छे दाम

खरगोन मंडी में इन दिनों नए गेहूं और चने की आवाज में लगातार बढ़ोतरी हो रही है इस बार किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं और चना बेचने में रुचि नहीं दिखा रहे चना और गेहूं का मंडी में उच्चतम भाव मिला है वहीं बुधवार को खरगोन अनाज मंडी में बड़ी संख्या में नए गेहूं और चने की आवक हुई वही मंडी से मिली प्राप्त जानकारी के अनुसार गेहूं की 2700 क्विंटल खरीदी की गई वही चने की 300 क्विंटल खरीदी हुई वहीं गेहूं का अधिकतम भाव 2790, न्यूनतम भाव 2190 रहा, न्यूनतम और अधिकतम भाव के बीच में ₹2380 गेहूं का मॉडल रहा । वही चने के भाव की बात की जाए तो चने का अधिकतम मूल्य ₹6275 रहा को न्यूनतम भाव 5750 रहा । न्यूनतम और अधिकतम के बीच में चने का 6050 रुपये मॉडल भाव रहा इन भावों में भी किसानों के द्वारा नए गेहूं और चने की जमकर बिक्री की गई वहीं व्यापारियों ने भी नए गेहूं और चने की जमकर खरीदी की।

धामनोद मंडी भाव

दिनांक-15-05-2024

कपास-  5905-6955-6550-(11) वाहन (01)बैलगाडी

गेहुँ- 2102-2367-2181-(19) वाहन

मक्का- 2000-2200-2100-(36) वाहन

सोयाबीन- 3965-4515-4325-(10) वाहन

चना मौसमी-5500-6960-5900-(19) वाहन

डॉलर चना- 8855-10395-9705-(215) वाहन

मूंग-7200-8240-8000----(31)वाहन

4-5 दिनों में रासी-659 कपास बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होगा

अन्य कंपनियों का बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध 

खरगोन। उप संचालक कृषि एम. एल. चौहान ने जिले के समस्त किसान बंधुओं से अनुरोध किया है कि रासी कपास किस्म-659 का वितरण अनाज मण्डी प्रांगण खरगोन से बीज की उपलब्धता अनुसार टोकन के माध्यम से किया गया है। वर्तमान में रासी कपास किस्म 659 की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में नही होने के कारण अनाज मण्डी प्रांगण से टोकन वितरण का कार्य नही किया जावेगा। आगामी चार से पांच दिवस में रासी 659 कपास बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने की संभावना है। जिले में जैसे ही बीज उपलब्ध होगा. वैसे ही किसानो को पूर्व में सूचना दी जावेगी। किस्म विशेष के अतिरिक्त जिले में अन्य कम्पनियों की बीटी किस्में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, जिन्हे जिले के पंजीकृत विक्रेताओं से निर्धारित दर पर क्रय कर सकते हैं। साथ ही किसानों से अपील की गई है कि वर्तमान में जिले का तापमान सामान्य से अधिक है एवं गरम हवाएँ भी चल रही है, जिससे कपास बीज का अंकुरण एवं पौधो की बढ़वार पर विपरीत प्रभाव पड़ता हैं। जिससे फसल की स्थिति ठीक नही रहती है। अतः कपास की बुवाई 25 मई के बाद तापमान कम होने पर ही करें।

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