दुल्हन लेने पैदल ही निकला दूल्हा



खरगोन। रामनवमी पर निकले जुलूस के दौरान हुए दंगे को आज एक सप्ताह हो गया है। जिसमे कर्फ्यू के साये में तालाब चौक के युवा की बारात कर्फ्यू में छूट के दौरान कसरावद के लिये रवाना हुई। कर्फ्यू के चलते खरगोन शहर में अधिकांश शादि समारोह निरस्त हो गये है। लेकिन 10 अप्रैल को पथराव आगजनी और हिंसा की शहर में शुरूवात होने वाले तालाब क्षेत्र से पुलिस बल की मौजूदगी में बारात निकली। दरसहल तालाब चौक के अमन वर्मा की शादि आज जिले के कसरावद में ही होना है। विशेष परमीशन के बाद बारात कार और चार पहिया से रवाना हुई। कर्फ्यू के चलते शादि की 4 महिने से चली आ रही तैयारीयो पर पानी फिर गया। एडवांस देने के बाद भी शादि मे बिना घोडे के दुल्हा अपनी दुल्हन को लेने पहुंच रवाना हुआ। ना बारात का बना निकला, ना डीजे बजा यहाॅ तक की बारती डांस भी नही कर पाये। शहनाई, बैंड बाजे, की गूंज भी नही सुनाई दी। चुनिंदा परिजन की मौजूदगी में दुल्हा ने रस्मो की अदायेगी कर सात जन्मो के बंधन में के लिये कसरावद रवाना हुआ। चार महिने से शादि की खुशी में तैयारी करने वाले दुल्हा दुल्हन सहित परिजन कर्फ्यू के साये में शादि करने को मजबूर हो गये। दूल्हा और उनकी बहन से बात की। दूल्हा अमन का कहना था की मेहमान शादि में शामिल नही हो पाये। पूरी तैयारी थी शादि इसलिये करना पढी। दूल्हे बहन का मानना था की उतनी खुशी शादि की नही हो रही जितनी तैयारी कर रखी थी। बैड बाजा डांस कुछ भी आनंद नही उठा पाये। इधर परिजन मजबूरी और समझौता शादि को बता रहे है। 

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