दो झिरों के सहारे माल फ़ाल्या के 267 परिवार

भीषण जलसंकट से जूझ रहे ग्रामीण,मटमैला पानी पीने मजबूर है

3किमी दूर पैदल चलकर,ला रहे पानी

शासन प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की उदाशीनता आई सामने







भगवानपुरा(राहुल मालवीया)। एक तरफ जहां सरकार गांव गांव फ़ाल्या फ़ाल्या हर योजनाओं के माध्यम से ग्रामीणों को लाभ दिला रही है तो वहीं आज भी कुछ गांव ऐसे है जो मुलभुत सुविधाओं से वंचित है।हम बात कर रहे है भगवानपुरा विकासखण्ड के भुलवानिया ग्राम पंचायत से लगे ग्राम जुलवानिया की जो सेंधवा तहसील जिला बड़वानी में आता है। यहां माल फ़ाल्या के बाशिंदों के सामने भीषण जलसंकट खड़ा हो गया है। 35घरों के 267 परिवार इससे काफी प्रभावित हो रहे है। ग्रामीण गिरधान सोलंकी पठान सोलंकी सयाराम गंगाराम एवँम जाग्रत आदिवासी दलित संगठन के शिवराम ने बताया कि गर्मी के दिनों में यहां पानी की समस्या उत्पन्न हो जाती है। 3किमी दूर ग्राम पंचायत सिरवेल जो कि बड़वानी जिले में स्थित है यहाँ पर नाले में झिरा बनाकर पानी ला रहे है साथ ही झिरे का मटमैला पानी पीने को मजबूर है। यह समस्या हर वर्ष गर्मी के मौसम में होती है। इस और शासन प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों का कोई ध्यान नही है। ग्रामीणों ने निर्मल नीर योजना के तहत कुएँ की मांग की है ताकि जलसंकट से छुटकारा मिल सके। समदरबाईं और रुनियाबाईं ने बताया कि पानी लाने के लिए सुबह 5उठकर झिरे पर जाना पड़ता है दो झिरे बनाये है जिसमे से पानी भरकर ले जाते है। महिलाओं ने बताया कि जिसके पास बैलगाड़ी है वह उससे पानी लाता है वहीँ अधिकतर महिलाएं युवतियां व बच्चे पानी के बर्तन सिर पर रखकर 3किमी दूर घाट चढ़कर पानी लाते है । ग्रामीणों का कहना है कि पिछले साल 1सितंबर 2021 को क्षेत्रीय विधायक ग्यारसीलाल रावत का माल फ़ाल्या में तुलादान किया गया था तब विधायक को जलसंकट की समस्या से अवगत कराया था। इस दौरान विधायक रावत ने ग्रामीणों को आश्वासन भी दिया था लेकिन आजतक निराकरण नही हो पाया है। इसके बाद विधायक देखने भी नही आये।

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