तीर्थ को पर्यटन स्थल बनाने से रोकना होगा पं. अंकित शर्मा

शिव महापुराण कथा में ओमकार स्वरूप पर्वत में हो रही तोड़ फोड़ पर जताई चिंता









खरगोन। तीर्थ वो पवित्र स्थान है जहा मोक्ष प्राप्ति हेतु भगवान का ध्यान किया जाता है तीर्थ में रहने से पाप नष्ट हो जाता है तीर्थो में जाकर मंत्र जाप करने का सौ गुना प्रतिफल मिलता है। परन्तु आज विडम्बना है कि पाश्चात्य संस्कृति के कुप्रभाव के चलते वर्तमान में तीर्थ स्थल पिकनिक और हनीमून स्पाट बनते जा रहे है । जिसके दुषपरिणाम आने लग गए है।

उक्त उदगार निमाड़ के सुप्रसिद्ध कथा वाचक पंडित श्री अंकित शर्मा ने मंगरुल रोड साईनाथ कालोनी खरगोन में पगारे परिवार द्वारा आयोजित शिव महापुराण कथा के छठे दिवस व्यास गादी से व्यक्त किए आप श्री ने पूर्व निमाड़ में स्थापित ज्योर्तिलिंग ॐ कारेश्वर में शंकराचार्य जी कि प्रतिमा स्थापना और संग्रहालय बनाने हेतु ओमकार पर्वत पर कि जा रही तोड़फोड़ को अविलंब बन्द करने कि मांग करते हुवे नर्मदा मैय्या के अविरल जल प्रवाह को बनाए रखने एवम पैदल और जल प्रक्रिया पथ से छेडछाड नहीं करने एवम ॐ कार स्वरूपि पर्वत कि गरिमा एवम पवित्रता बनाए रखने का शासन प्रशासन से अनुरोध किया।

आपश्री ने कथा के माध्यम से रूद्र संहिता पार्वती खंड में भगवान के कई चरित्र का गुणगान करते हुवे कहा कि हजारों हजार जन्म का जब पुण्य उदय होता है तब हमे भगवान का कार्य करने का निमित्त मिलता है क्योंकि जब तक हमारे अवगुण, दोष हमारे पाप हमारे साथ होते है तब तक हम चाहकर भी भगवान का कार्य नहीं कर सकते है। आप श्री ने श्री गणेश जी के अवतरण कि कथा का रसपान कराते हुए आरती के साथ अंतिम द्वितीय दिवस कि कथा विराम कि।

आज द्वादश ज्योर्तिलिंग कथा

कथा विराम दिवस 15 मार्च मंगलवार को श्री गणेश विवाह प्रसंग एवम द्वादश ज्योर्तिलिंग कथा होगी

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