अवयस्क बालिका के साथ गलत काम करने वाले आरोपी की जमानत निरस्त

विदिशा। माननीय न्यायालय सुश्री प्रतिष्ठा अवस्थी द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाॅक्सो विदिशा द्वारा आरोपी नीतेष अहिरवार पुत्र लखनलाल अहिरवार को भादवि की धारा 363, 366, 376(2)(एन) भादवि एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 5एल/6 मेें जमानत निरस्त की गई। उक्त मामले में विषेष लोक अभियोजक श्रीमति प्रतिभा गौतम द्वारा जमानत याचिका पर अपराध की गंभीरता के आधार पर कड़ा विरोध किया गया।

 घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि आरोपी नीतेष अहिरवार द्वारा 18 वर्ष से कम आयु की अवयस्क अभियोक्त्री का व्यपहरण कर उसके साथ बार-बार गलत काम किया। महिलाओं को एवं बालिकाओं के प्रति बढ़ते हुए यौन अपराधों को देखते हुए ऐसे मामलों में भी आरोपी को जमानत का लाभ दिया गया तो उससे इस तरह के अपराधों की पुनरावृत्ति होना संभव है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता के द्वारा आरोपी की ओर से जमानत आवेदन न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया था, जिसे माननीय न्यायालय के द्वारा आरोपी के कृत्य की गंभीरता एवं प्रकरण की परिस्थितियों एवं महिलाओं के प्रति बढ़ते हुए योन अपराधों को देखते हुए आरोपी नीतेष अहिरवार का जमानत आवेदन निरस्त कर दिया गया। 

          


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