बेरोजगारी महज बिहारी नही राष्ट्रीय समस्या।


 


    बिहार विधानसभा चुनाव में बेरोजगारी एक प्रभावी चुनावी मुद्दा बन कर सामने आया है।यह विषय राजनैतिक दलों की प्राथमिकताओं में शामिल भी दिखाई दे रहा है।बेशक महागठबंधन के तेजस्वी यादव ने सबसे पहले बेरोजगारी को चुनावी मुद्दा मानते हुए अपने घोषणा-पत्र में 10 लाख युवाओ को सरकारी रोजगार दिए जाने का विषय शामिल किया, तेजस्वी को इस विषय पर मिले व्यापक जनसमर्थन के उपरांत एनडीए ने अपने संकल्प-पत्र में 19 लाख रोजगार के अवसर पैदा करने का वादा सम्मिलित किया। कुलमिलाकर संतोष इस बात किया जाना चाहिए कि बेरोजगारी अब देश का प्रमुख विषय बन चुका है।राजनैतिक दल इस विषय की अनदेखी नही कर सकते यह विषय बिहार का नही सम्पूर्ण भारत का महत्वपूर्ण विषय बन चुका है।


  बेरोजगारी की समस्या लगातार गम्भीर होती जा रही है।बिहार चुनाव में परिणामो को प्रभावित करती दिखाई दे रही है।कोरोना संक्रमण से उपजी बेकारी ने भी बेरोजगारी की समस्या को विकराल बना दिया है।बड़ी-बड़ी औधोगिक इकाइयां एवं कल-कारखाने बन्द हो गए है,ठेले एवं फुटपातो पर खाने की सामग्री बेचकर रोजी रोटी कमाने वाले लोगो भी बेरोजगार हो गए है। ऐसा नही है कि बेरोजगारी की समस्या कोरोनाकाल की ही देन है।वर्ष 2017-18 में बेरोजगारी की दर 6.1फीसदी थी जो बीते 45 सालों में सबसे अधिक मानी गयी थी।यही नही सम्पूर्ण भारत मे करोडो नागरिक गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करते है।अकेले बिहार में यह संख्या 6 करोड़ के लगभग है।


सयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट बताती है कि कोरोना माहमारी दौरान व्याप्त आर्थिक मंदी के कारण भारत में बेरोजगारी एवं गरीबी अधिक बढ़ जाएगी।यूएन की एक दशक पूर्व जारी रिपोर्ट के अनुसार भारत मे 60 फीसदी भारतीय गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करते है,इसमे सरकारों के प्रयासों से सुधार भी हुआ है। एक बड़ा प्रतिशत गरीबी की रेखा से उभरने में सफल हुआ है। कोरोनाकाल में पुनः बेरोजगारी एवं गरीबी का यह प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।


बिहार चुनाव में बेरोजगारी को एक महत्वपूर्ण ओर प्रभावी मुद्दे के रूप में उभारने का श्रेय महागठबंधन के तेजस्वी यादव को जाता है जिन्होंने बार-बार अपनी जनसभाओं में 10 लाख बेरोजगारों को सरकारी रोजगार दिए जाने का वादा दोहराया। अपने घोषणा-पत्र में शामिल किया, यह भी कहा कि सरकार बनते ही कैबिनेट की बैठक में इस पर सबसे पहले हस्ताक्षर करूंगा। इस घोषणा को व्यापक जनसमर्थन मिलता देख तेजस्वी के बयानों पर हंसने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गठबंधन एनडीए ने भी 19 लाख रोजगार के अवसर पैदा करने की बात अपने संकल्प-पत्र में सम्मिलित की है।


  लोकतंत्र में जरूरी है की जनता से जुड़ी समस्याओं को सियासी पार्टी चुनावी विषय के रूप में प्रचारित करे और सत्ता में आने के पश्चात अपने किये गए वादे के अनुरूप इन समस्याओं का निराकरण भी करे।


   आमतौर पर देखा जाता है कि धर्म,धन,जाति और प्रलोभनों की राजनीति करने वाले सियासी नेता जनता से जुड़े महत्वपूर्ण विषयो से ध्यान हटाने में कामयाब हो जाते है।जनता भी इन्ही विषयो में खोकर अपनी प्राथमिकताओं को भूल जाती है।बिहार का चुनाव इस लिहाज से बहुत सुखद संकेत दे रहा है।


   प्रजातन्त्र में राजनैतिक दलों का प्रमुख उदेश्य जनता का कल्याण होना चाहिए उनकी मौलिक जरूरते शिक्षा,स्वास्थ्य, रोजगार आदि की पूर्ति करते हुए नागरिको के गरिमापूर्ण जीवन जीने की परिस्थियों का निर्माण करने संबन्धी कार्यक्रमो पर बल देना चाहिए।


     बेरोजगारी के विषय को इसलिए भी गम्भीर माना जा चाहिए जब 17 सितम्बर को देश के प्रधानमंत्री का जन्मदिन था। उस दिन सड़को पर बेरोजगार नवयुवक प्रदर्शन कर रहे थै,यह प्रदर्शन देश के विभिन्न हिस्सों में शिक्षित बेरोजगार नवयुवकों के द्वारा किये जा रहे थै। जिसमे थाली भी बजाई गयी,नुक्कड़ नाटक भी किये गए,अर्धनग्न होकर प्रदर्शन भी किये गए यह प्रदर्शन मध्यप्रदेश,बिहार,यूपी एव दिल्ली में बड़े स्वरूप में देखे गए।।इस दिन को राष्ट्रीय बेरोजगारी दिवस सम्बोधित कर युवा प्रदर्शन रहे थे,बेशक इस प्रदर्शन को सत्ता पक्ष के खिलाफ विपक्षी दलों की गंदी राजनीति निरूपित कर खारिज किया जा सकता है,किंतु बेरोजगारी की बढ़ती समस्या से मुंह भी नही फेरा जा सकता है।


 सक्षम हाथों को काम नही मिलने से देश के युवाओं में निराशा,हताशा ओर कुंठा का माहौल निर्मित होता है।जो युवाओ में व्यवस्था के प्रति आक्रोश पैदा करता है। युवाओ के विषयों को सियासी दलों ने प्राथमिकता से उठाकर उन्हें व्यवस्था के प्रति जवाबदेह बनाने ओर युवा ऊर्जा का राष्ट्रहित में उपयोग करने की कोशिश करना चाहिए।युवाओ को भी यह सोचना चाहिए कि सरकारी नोकरियाँ सबको देना सरकारों के लिए सम्भव नही है। निजी नोकरियो,एवं निजी काम धंधों से भी जीविका कमाई जा सकती है और आर्थिक उन्नति भी की जा सकती है।


  ----------------


नरेंद्र तिवारी एडवोकेट


7,शंकरगली मोतीबाग 


सेंधवा जिला बड़वानी मप्र


मोबा-9425089251


Comments

Popular posts from this blog

सरकारी स्कूल की प्राचार्य और शिक्षिका में हुई झूमाझटकी ... प्राचार्य ने मारा थप्पड़ ... तोड़ा मोबाइल... VIDEO VIRAL

खरगोन में 16 सितंबर को कपास की नीलामी श्री गणेश

खरगोन अनाज मंडी में नए गेहूं चने की बड़ी आवाक, किसानों को मिले अच्छे दाम