एंबुलेंस स्टॉफ की मेहनत रंग लाई, 3 बालिकाओं की एंबुलेंस में कराई डिलेवरी


खरगोन 24 अप्रैल 2020। कोरोना महामारी के बीच स्वास्थ्य विभाग के अमले ने अपनी सार्थक भूमिका अदा की है। कोरोना महामारी में लड़ने और विपरित परिस्थितियों में काम करने का जज्बा अगर हो, तो किसी तरह की आफत या मुसीबत आपका का कुछ भी बिगाड़ नहीं सकती है। ऐसा ही वाक्या खरगोन के ग्रामीण अंचल में गुरूवार की रात्रि में सामने आया। बैड़िया स्थित 108 एंबुलेस को रात्रि 9.30 बजे उमरधड़ गांव से डिलेवरी के लिए कॉल आया। लगभग 30 मिनट के बाद जब एंबुलेंस पहुंची, तो उससे पूर्व 24 वर्षीय सुनिता अजय ने एक बच्चा डिलेवर कर दिया। उसके बाद भी स्थिति चिंताजनक सामने आई। तब ईएमटी संजय दांगी और पायलेट जितेंद्र खांडे ने जिम्मेदारी लेते हुए एंबुलेंस में ही नार्मल डिलेवरी करवाई। तीनों ही फिमेल बेबी और माता स्वस्थ्य है। इसके अलावा 2 ऐसे योद्धा है, जिन्होंने लगातार 16 घंटे वाहन चलाकर जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से पॉजिटिव व संभावित मरीजों को समय पर अस्पताल लाने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 22 अप्रैल को ईएमटी महेंद्र और पायलेट संजय गांगले ने विपरित परिस्थितियों में कोरोना मरीजों को लाने में अपनी तन्मयता व हौसले का परिचय दिया। 22 अप्रैल को जिले के विभिन्न क्षेत्रों से कोरोना के 8 पॉजिटिव मरीज तथा 6 संभावित मरीजों को लाने के निर्देश पाए हुए। इन दोनों ने मिलकर 16 घंटे में लगातार 14 मरीजों को 400 किमी का वाहन चलाकर अस्पताल तक पहुंचाया। आपातकालीन सेवा में कोरोना के पॉजिटिव मरीज को एंबुलेंस में बैठाना व अस्पताल तक छोड़ना अपनी समझ-बुझ का परिचय है।


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