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गुर्जर श्री हॉस्पिटल सनावद को आयुष्मान सर्जरी की शौगात

  बैडिया(राजेन्द्र नामदेव)। स्वास्थ चिकित्सा के क्षेत्र में सनावद वरदान साबित होता नजर आ रहा है। जिसका जीता जागता उदाहरण विगत दो वर्षों में निमाड़ क्षेत्र में नर्मदा वासुदेव कुटुम्बकम द्वारा संचालित गुर्जर श्री हॉस्पिटल सनावद ने स्वास्थ चिकित्सा में अपनी अनूठी पहचान दिलाई है। विगत कुछ दिनों पूर्व मोदीकेयर के नाम से मशहूर आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत समस्त प्रकार की सर्जरी की मान्यता हासिल की है। जिसमे आयुष्मान के अंतर्गत आने वाले पात्र पीड़ितों की सर्जरी की शौगात मिलेगी। जनता को स्वास्थ की हर सुविधा उपलब्ध करना हमारा लक्ष्य नर्मदा वासुदेव कुटुम्बकम द्वारा संचालित गुर्जर श्री हॉस्पिटल सनावद डायरेक्टर धरम पटेल जितेंद्र पटेल ने बताया कि संस्था का एक कि लक्ष्य है कि निमाड़ क्षेत्र में स्वास्थ्य सबंधित हर सुविधाएं उपलब्ध करना ही   प्रथमिकता है। क्योंकि हमारे क्षेत्र के पीड़ित मरीजों को स्वास्थ्य के लिए बड़े शहरों की ओर रुख करने के बावजूद भी सुविधाये नही मिलने  के कारण  ही संस्था ने हॉस्पिटल खोलकर विगत दो वर्षों  में 30 बेड, एनएबीएच सेंटर आईसीयू एनआईसीयू ट्रामा सेंट...

पातालकोट के लोग और पानी की समस्या

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  इन दिनों पीने के पानी की गुणवत्ता को लेकर शोर मचा है. कई बड़े शहरों में पीने का पानी प्रदूषित हो चुका है. पूरे देश में पीने के पानी को लेकर बहस छिड़ी हुई है. लेकिन देश में एक गांव ऐसा भी है जो आज भी पानी को शुद्ध करने के लिए अपनी पुरातन पद्धति को अपनाए हुए है. मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा के पास पातालकोट नाम का एक गांव है. इस गांव का नाम पातालकोट इसलिए पड़ा क्योंकि यह धरातल से करीब तीन हजार फीट एक गहरी खाई पर बसा हुआ है. यह इलाका वनवासियों का घर है. यहां कई जनजातियां रहती हैं. यह पानी पीने योग्य नहीं होता है लेकिन यह वनवासी अपने अनुभवों से विकसित किए विज्ञान से इस पानी को पीने योग्य बना लेते हैं. जंगलों में रहने के कारण इन लोगों को पेड़, पत्तियों और छाल की मदद से पानी को शुद्ध करने की तकनीक पता है. इतना ही नहीं ये सूरज की किरणों से भी पानी को शुद्ध करने का ज्ञान रखते हैं. झील का पानी दूषित होता है लेकिन ये लोग सहजन, खसखस, निर्गुंडी और कमल आदि से खराब पानी को पीने योग्य बना लेते हैं. यहां की महिलाएं पीने के पानी को पीतल और तांबे के बर्तन में रखती हैं. इन बर्तनों को ये लोग छतों पर धूप में र...